सूरज चंदा जैसी जोड़ी हम दोनों
दिन का राजा रात की रानी हम दोनों
जगमग जगमग दुनिया का मेला झूठा
सच्चा सोना, सच्ची चांदी हम दोनों
इक दूजे से मिलकर पूरे होते हैं
आधी-आधी एक कहानी हम दोनों
चारों ओर समंदर बढ़ती चिंता का
लहर लहर लहराती कश्ती हम दोनों
पर्वत-पर्वत, बादल-बादल, किरन-किरन
उजले पर वाले दो पंछी हम दोनों
मैं दहलीज़ का दीपक हूँ आ तेज़ हवा
रात गुजारें अपनी-अपनी हम दोनों
घर-घर दुःख-सुख का इक दीपक जले-बुझे
हर दीपक में तेल और बाती हम दोनों
दुनिया की ये माया कंकर-पत्थर है
आंसू-शबनम हीरा-मोती हम दोनों
-बशीर बद्र
3 comments:
Lost in the words itself. Yet to listen to it. Thanks for sharing. \m/
चारों ओर समंदर बढ़ती चिंता का
लहर लहर लहराती कश्ती हम दोनों
Amazing!
GBU
Arti
beautiful!!
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