शिव जी के बालों में टंगा
'हेअर बैंड' के जैसा चाँद
रात के साँवले गाल के ऊपर
आँसू का एक कतरा चाँद
बच्चों के खेलों का मोहरा
कंचों जैसा कंजा चाँद
बिन बिजली के हर गाँव में
'लाइट बल्ब' का सपना चाँद
तनख्वाह वाले रोज की रौनक
ताम्बई सिक्के जैसा चाँद
दिन-भर के भूखे-प्यासे को
रोटी जैसा दिखता चाँद
गर्मी की रातों में अक्सर
छत पर सोता मेरा चाँद
धरती है जो बाँट ली सब ने
बँटा नहीं अभी, अपना चाँद
'हेअर बैंड' के जैसा चाँद
रात के साँवले गाल के ऊपर
आँसू का एक कतरा चाँद
बच्चों के खेलों का मोहरा
कंचों जैसा कंजा चाँद
बिन बिजली के हर गाँव में
'लाइट बल्ब' का सपना चाँद
तनख्वाह वाले रोज की रौनक
ताम्बई सिक्के जैसा चाँद
दिन-भर के भूखे-प्यासे को
रोटी जैसा दिखता चाँद
गर्मी की रातों में अक्सर
छत पर सोता मेरा चाँद
धरती है जो बाँट ली सब ने
बँटा नहीं अभी, अपना चाँद
will try to translate it as i feel it is easier this time :)
12 comments:
A very different style of poetry frm your usual, but as thoughtful and thought provoking as you always are. Expressing simple things of life which we miss.
wah!! and u forgot.. rail gaadi ki khidki se, saath saath chalta chand... wonderful imagery, as ever!!
Sigh... :) :)
really nice !! loved the second set of lines :)
this one is of the kinds that i love... and i know adi has written it... rather than the mentally challenged adee i have been seeing off late!!!!
love you for this...
how do we know se continud
"raat bhar sheeshe pe chipka,
uske maathe ki bindi, chaand"
wow..really cool bro..loved the metaphors !!!
Lovely poetry.wonderful imagination
Its a different poem. Good job. Keep it up.
waah chand :D
awesome!!kuchh meri taraf se.. . ..mujhe dikhta ab toh bewajah ka har wajah ka chand...
aakhir har mudde pe hai tere khubsoorat iradon ka chand!!!
This is fabulous. Must be composed in a song.. whatsay??
beautiful.
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